LUCKNOW (16 May): किसी का विश्वास डोल गया तो किसी ने अपने कदमों को रोक लिया. स्पीक एशिया पर मचे बवंडर को शांत करने के लिए कंपनी के दिग्गजों ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी. दो घंटे से ज्यादा समय तक चली इस प्रेस कांफ्रेस को कंपनी की ऑफीशियल वेबसाइट पर लाइव दिखाया गया जिसे स्पीक एशियंस ने बड़े गौर से देखा.
चिपके रहे टीवी से
न तो इलेक्शन रिजल्ट और न ही वर्ल्ड कप का मुकाबला फिर भी लोग टीवी और वेबसाइट से ऐसे चिपक कर बैठे दिखे जैसे कि कोई अहम फैसला आना हो. मुंबई में स्पीक एशिया की प्रेंस कांफ्रेंस के पल पल का हाल जान रहे महेश कहते हैं कि कंपनी कहीं से भी गलत नहीं है. उसकी बातों को इलेक्ट्रानिक चैनल ने तोड़ मरोड़ कर पेश किया. जबकि लाइव कांफ्रेंस देख रहे तारिक कहते हैं कि फिर बाटा और एयरटेल ने कंपनी के सर्वे को क्यों नकारा यहीं से शक की गुंजाइश पैदा होती है. कंपनी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर विवेक गौतम का कहना है कि बिजनेस मॉडल फाइव पी पर आधारित है. आने वाले समय में कंपनी का इरादा नये और इनोवेटिव प्रोडक्ट को पेश करना है. कंपनी ने लास्ट फाइनेंशियल ईयर में 12 करोड़ रुपए का नेट प्राफिट गेन किया है. रिटेल सेक्टर की कुछ दिग्गज कंपनियां को स्पीक एशिया से डर लग रहा है और इसीलिए यह सब कुछ किया जा रहा है.
खुद को साबित किया
वह कहते हैं कि आज तक किसी एक स्पीक एशियन की एक भी शिकायत नहीं आई है. हमने जितना अर्न किया है उतना लोगों को दिया है. सिर्फ कुछ ही दिनों में 26 हजार से ज्यादा टीवी सेट और हजारों एन्ड्रायड मोबाइल फोन बेच कर हमने सिद्ध कर दिया कि हम क्या कर सकते हैं. कंपनी सारे कानून का पालन करती है और कहीं से भी गलत नहीं है. जिस मैग्जीन के लिए पैनलिस्ट से पैसे लिये जाते हैं वह देश के बाहर प्रिंट होती है. इसलिए ब्रांडकास्टिंग और दूसरे कानून इस पर एप्लीकेबिल नहीं होते. विवेक के मुताबिक कंपनी ने इंडिया में ट्रेनिंग और टेक्नोलॉजी पर करोड़ों रुपए का निवेश किया है. उनका दावा है कि देश से पैसा गया नहीं है बल्कि ज्यादा पैसा देश में आया है. सर्वे आज की जरूरत है और इंडिया में चार करोड़ पैनलिस्ट की जरूरत है जबकि यहां सिर्फ 20 लाख पैनेलिस्ट ही हैं. इसलिए यहां बहुत वैक्यूम है.
More companies
स्पीक एशिया की सर्वे बिजनेस माडयूल को कैश कराने के लिए और भी बहुत सी सर्वे कंपनियों ने अपनी अपनी एक्टीविटी शुरू कर दी है. कोई 6 हजार रुपए में चार हजार वापस दे कर बायनरी वाल्यूम पर कमीशन दे रहा है तो कोई 2 हजार में ज्वाइनिंग. सर्वे लांच कर चुकी या फिर करने जा रही कंपनियों में उस कंपनी का भी नाम है जिसके इलेक्ट्रानिक चैनल ने इस बवंडर को जन्म दिया है. जो सर्वे कंपनियां तेजी से लोगों में लोकप्रिय हो रही हैं उनमें गल्फ सर्वे, स्टार पैनल, अवाइसो और एफसीएल शामिल हैं.
चिपके रहे टीवी से
न तो इलेक्शन रिजल्ट और न ही वर्ल्ड कप का मुकाबला फिर भी लोग टीवी और वेबसाइट से ऐसे चिपक कर बैठे दिखे जैसे कि कोई अहम फैसला आना हो. मुंबई में स्पीक एशिया की प्रेंस कांफ्रेंस के पल पल का हाल जान रहे महेश कहते हैं कि कंपनी कहीं से भी गलत नहीं है. उसकी बातों को इलेक्ट्रानिक चैनल ने तोड़ मरोड़ कर पेश किया. जबकि लाइव कांफ्रेंस देख रहे तारिक कहते हैं कि फिर बाटा और एयरटेल ने कंपनी के सर्वे को क्यों नकारा यहीं से शक की गुंजाइश पैदा होती है. कंपनी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर विवेक गौतम का कहना है कि बिजनेस मॉडल फाइव पी पर आधारित है. आने वाले समय में कंपनी का इरादा नये और इनोवेटिव प्रोडक्ट को पेश करना है. कंपनी ने लास्ट फाइनेंशियल ईयर में 12 करोड़ रुपए का नेट प्राफिट गेन किया है. रिटेल सेक्टर की कुछ दिग्गज कंपनियां को स्पीक एशिया से डर लग रहा है और इसीलिए यह सब कुछ किया जा रहा है.
खुद को साबित किया
वह कहते हैं कि आज तक किसी एक स्पीक एशियन की एक भी शिकायत नहीं आई है. हमने जितना अर्न किया है उतना लोगों को दिया है. सिर्फ कुछ ही दिनों में 26 हजार से ज्यादा टीवी सेट और हजारों एन्ड्रायड मोबाइल फोन बेच कर हमने सिद्ध कर दिया कि हम क्या कर सकते हैं. कंपनी सारे कानून का पालन करती है और कहीं से भी गलत नहीं है. जिस मैग्जीन के लिए पैनलिस्ट से पैसे लिये जाते हैं वह देश के बाहर प्रिंट होती है. इसलिए ब्रांडकास्टिंग और दूसरे कानून इस पर एप्लीकेबिल नहीं होते. विवेक के मुताबिक कंपनी ने इंडिया में ट्रेनिंग और टेक्नोलॉजी पर करोड़ों रुपए का निवेश किया है. उनका दावा है कि देश से पैसा गया नहीं है बल्कि ज्यादा पैसा देश में आया है. सर्वे आज की जरूरत है और इंडिया में चार करोड़ पैनलिस्ट की जरूरत है जबकि यहां सिर्फ 20 लाख पैनेलिस्ट ही हैं. इसलिए यहां बहुत वैक्यूम है.
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स्पीक एशिया की सर्वे बिजनेस माडयूल को कैश कराने के लिए और भी बहुत सी सर्वे कंपनियों ने अपनी अपनी एक्टीविटी शुरू कर दी है. कोई 6 हजार रुपए में चार हजार वापस दे कर बायनरी वाल्यूम पर कमीशन दे रहा है तो कोई 2 हजार में ज्वाइनिंग. सर्वे लांच कर चुकी या फिर करने जा रही कंपनियों में उस कंपनी का भी नाम है जिसके इलेक्ट्रानिक चैनल ने इस बवंडर को जन्म दिया है. जो सर्वे कंपनियां तेजी से लोगों में लोकप्रिय हो रही हैं उनमें गल्फ सर्वे, स्टार पैनल, अवाइसो और एफसीएल शामिल हैं.
1 comments:
payout kab se aayega
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