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सोमवार, 30 मई 2011

भारतीय इलेक्ट्रोनिक मीडिया देश की सबसे भ्रष्ट संस्थाओ में से एक Indian electronic media is one of the nation's most corrupt institutions.

/ On : 3:01 pm
आज की तारीख में  भारतीय इलेक्ट्रोनिक मीडिया देश की सबसे भ्रष्ट संस्थाओ में से एक है. speakasiaonlineindia.blogspot.com/ द्वारा दुनिया भर में हुए एक ऑनलाइन सर्वेक्चन में 86% लोगो ने स्टार न्यूज़ को T.R.P. और व्यावसायिक लाभ के लालच में नैतिक  रूप से नीचे गिर जाने का दोषी माना, केवल 8% लोगो ने ही स्टार न्यूज़ की इस मुहीम का समर्थन किया, जबकि 5% लोगो ने इस पर कोई मत प्रकट नहीं किया.
        आये हुए परिणाम कोई आश्चर्य प्रकट नहीं करते , मीडिया पर उंगलियाँ कोई आज से नहीं उठ रही हैं, जब न्यूज़ की ताकत निजी हाथो में गयी, उसी दिन से इसका पतन प्रारंभ हो गया,मीडिया की ताकत का इस्तेमाल निजी एवं व्यवसायिक हित के लिए होने लगा .
       ज्यादा दिन नहीं हुए जब आईपीओ में रिलायंस पॉवर के के उतरने के दो हफ्ते पहले से ही मीडिया ने इसका ऐसा प्रचार प्रसार किया की जिस दिन मार्केट में इसके शेयर खुले तो वो ४५० पर थे, लेकिन शाम होते होते १०० से भी नीचे चले गए और हजारो निवेशको को कार्डियोलोजी में भर्ती होना पड़ा. और ऐसे समय में मीडिया चुप हो कर बैठ गया, मीडिया को जो लाभ relince को पहुचना चाहिए था वो पहुच चुका था.
       मीडिया के गैर ज़िमेदाराना व्यवहार का का पता एक और घटना से चलता है , जब दिल्ली में मेट्रो ट्रेन का प्रारंभ होने वाला था और मीडिया ने बड़े ही मूर्खता पूर्ण ढंग से केवल T.R.P. के लिए इसकी ऐसी न्यूज़ प्रसारित की कि पहले ही दिन लाखो कि भीड़ मेट्रो ट्रेन में सफ़र करने के लिए टूट पड़ी, नतीजा ये हुआ कि लोगो ने ट्रेन के दरवाजे तक तोड़ डाले, महिलाओ के साथ तो हद दर्जे के अभद्रता हुई, बाद में प्रशासन को इसे संभालने में नाको चने चबाने पड़े, और मीडिया को जो चाहिए था वो उसे मिल चूका था, अतः वो पहले कि तरह ही हाथ झाड कर किनारे खड़ा हो गया .
       वास्तव में भारतीय इलेक्ट्रोनिक मीडिया निहायत ही गैर जिम्मेदाराना , भ्रष्ट, और मूर्ख लोगो कि जमात है , जो अपने, अपने मालिको, अपने व्यावसायिक समर्थको, एवं समर्थन करने वाली राजनीतिक पार्टियों के हितो के अनुरूप ही न्यूज़ प्रकाशित करती हैं,. लोक सभा के चुनाव हो या प्रधानी के , आप किसी भी न्यूज़ चैनल को केवल एक घंटे देख कर इस बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि आमुख चैनल किस पार्टी का समर्थक है .
       हाल ही में स्पीक एशिया से जुड़े २० लाख परिवारों अर्थात १ करोड़ लोगो के हितो के साथ जिस प्रकार स्टार न्यूज़ चैनल ने खेल खेला है, वो एक इतिहास बन गया है, अपने एक नए survey group को उतारने से पहले इस छेत्र की मास्टर कम्पनी के ऊपर मीडिया कि ताकत का जिस तरह से अनैतिक उपयोग किया गया,उसे पूरे भारत कि जनता ने देखा. स्टार न्यूज़ को १ करोड़ लोगो से कोई मतलब नहीं है,उसे केवल अपने मालिको के अरबो रुपये के लाभ दिखाई देते हैं
       स्पीक एशिया के खिलाफ स्टार न्यूज़ द्वारा चलाये गए इस अभियान का पूरे देश में जिस तरह का विरोध हुआ उससे इस बात का तो अंदाज़ा लगाया ही जा सकता है कि आने वाले दिनों में भारत सरकार इन निजी न्यूज़ चैनल्स पर अवस्य ही लगाम लगाएगी. अन्यथा ये पूरे लोकतंत्र के लिए खतरा बन जायंगे, गुजरात के दंगो कि आग को भड़काने के लिए इन निजी न्यूज़ चैनल्स कि संलिप्तता को नाकारा नहीं जा सकता है, क्यों कि ये ध्यान रहे कि व्यावसायिक हित सदैव से ही ,नैतिकता, भाईचारा और लोकतंत्र से ऊपर रहें हैं और रहेंगे.

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जीवन में पतन के लिए कुछ किया जाना आवश्यक नही है, कुछ न ही करें और हाथ पे हाथ धरे बैठे रहें तो भी पतन हो जायेगा, जड़ता अपने आप आ जाती है,पर जीवन अपने आप नहीं होता,मृत्यु बिना बुलाये आ जाती है लेकिन जीवन को बुलावा देना होता है - " ओशो "

ध्यान रहे की जो असफल होने की हिम्मत जुटाते हैं, उनके सफल होने की उम्मीद भी है,लेकिन जो असफलता से बच जाते हैं वो सफलता से भी बच जाते हैं, ये दोनों चीज़े साथ साथ हैं - " ओशो "

क्या आप मानते हैं की इलेक्ट्रोनिक मीडिया आज भारत की सबसे भ्रष्ट संस्थाओं में से एक है

स्टार न्यूज़ और अन्य न्यूज़ चैनल्स को लोगो के हितो से कोई लेना देना नहीं है वो केवल अपने व्यवसायिक लाभ और T.R.P. के लिए कार्य करते हैं

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